मैं ख़्वाजा का दीवाना / Main Khwaja Ka Deewana
चराग़-ए-चिश्त शह-ए-औलिया ग़रीब नवाज़ ! मेरे हुज़ूर मेरे पेशवा ग़रीब नवाज़ ! मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना ऐ गर्दिश-ए-ज़माना ! मेरे सामने न आना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना आल-ए-रसूल-ए-पाक हैं, मौला 'अली के प्यारे हसनैन के हैं दिलबर, दुखियों के हैं सहारे जिस को यक़ीं न आए, दिल से उन्हें पुकारे आता है उन को सब की बिगड़ी हुई बनाना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना ऐ गर्दिश-ए-ज़माना ! मेरे सामने न आना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना मशहूर है जहाँ में अजमेर जिन के दम से मिलती है सिलसिले की निस्बत शह-ए-उमम से तब्लीग़-ए-दीन यूँ की अल्लाह के करम से ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ने पाया ईमान का ख़ज़ाना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना ऐ गर्दिश-ए-ज़माना ! मेरे सामने न आना मैं ख़्वाजा का दीवाना, मैं ख़्वाजा का दीवाना मैं ख़्वाजा का दीव...